Mahindra Manulife Manufacturing Fund: महिंद्रा मैनुलाइफ म्यूचुअल फंड ने एक नए सेक्टोरल फंड को लॉन्च किया है. इस New Fund Offer का नाम महिंद्रा मैनुलाइफ मैन्युफैक्चरिंग फंड है. यह NFO निवेशकों के लिए 31 मई को खुला और 14 जून तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा. एनएफओ पीरियड समाप्त होने के बाद यह स्कीम दोबार 26 जून को खुलेगी. यह एक ओपन एंडेड स्कीम है. कम से कम 1000 रुपए से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं.
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क्या है Mahindra Manulife Manufacturing Fund?
महिंद्रा मैनुलाइफ Manufacturing Fund एक सेक्टोरल स्कीम है जिसका पैसा मैन्युफैक्चरिंग थीम के तहत निवेश किया जाएगा. कम से कम 1000 रुपए का निवेश और 500 रुपए से SIP शुरू कर सकते हैं. जो निवेशक लॉन्ग टर्म में कैपिटल एप्रिसिएशन चाहते हैं, उनके लिए यह सुटेबल स्कीम है. इस स्कीम के लिए BSE India Manufacturing TRI बेंचमार्क होगा. देश में मैन्युफैक्चरिंग को लेकर जिस तरह एक्विटी बढ़ रही है, उसका यहां सीधा फायदा मिलेगा.
Mahindra Manulife Manufacturing Fund में क्यों करें निवेश?
इकोनॉमी ट्रैक पर है और सरकार का फोकस मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर है. मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, PLI स्कीम्स की मदद से इसे फायदा मिल रहा है. कोविड के बाद पूरी दुनिया ‘चाइना+’ पॉलिसी पर आगे बढ़ रही है और भारत इसका बड़ा लाभार्थी है. भारत में फिजिकल एंड इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विस्तार हो रहा है. पावर कंजप्शन बढ़ने से मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट मिलेगा. इस फंड का पैसा उन कंपनियों में भी निवेश किया जाएगा जो भारत में बनाकर निवेश करती हैं. डोमेस्टिक कंजप्शन वाली कंपनियों में भी निवेश किया जाएगा.
GDP ग्रोथ के साथ मैन्युफैक्चरिंग का ग्रोथ जुड़ा है
इंडियन इकोनॉमी का ग्रोथ आउटलुक दमदार है और मैन्युफैक्चरिंग का रोल बड़ा होगा. 2030 तक भारत की GDP जापाना और जर्मनी से आगे निकल जाएगी. इस ग्रोथ का बड़ा बेनिफिट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मिलेगा. महिंद्रा की इस स्कीम का 80-100% तक निवेश इसी थीम की कंपनियों में किया जाएगा. Mahindra Manulife Manufacturing Fund का पैसा 10 अलग-अलग सेक्टर की 32 इंडस्ट्रीज में किया जाएगा. इसमें कैपिटल गुड्स, हेल्थकेयर, केमिकल्स, मेटल्स, ऑयल एंड गैस, ऑटोमोबाइल्स प्रमुख हैं.
फंड मैनेजर्स कौन हैं?
Mahindra Manulife Manufacturing Fund को रेंजित शिवराम मैनेज कर रहे हैं. इक्विटी रिसर्च फील्ड में 14 सालों का बड़ा अनुभव है. फिलहाल 3 स्कीम्स में को-फंड मैनेजर हैं. इसके अलावा मनीष लोढ़ा भी इक्विटी निवेश देखेंगे जिनका अनुभव 22 सालों का है. CS, CA किया है. इसके अलावा प्रणव पटेल ओवरसीज इन्वेस्टमेंट को मैनेज करेंगे.