Home Loan Tips: घर लेना हर किसी का सपना होता है और हर कोई अपने इस सपने को पूरा करना चाहता है. लोग नौकरी और भविष्य की तलाश में गांव छोड़कर शहर की ओर आ रहे हैं. इसके कारण बहुत तेजी से शहरीकरण हो रहा है. शुरुआत में हर कोई किराए के घर पर रहता है, लेकिन जिस रफ्तार से किराए में बढ़ोतरी हो रही है उसके कारण हर कोई छोटा ही सही, लेकिन अपना घर खरीदना चाहता है. प्रॉपर्टी की कीमत भी बहुत तेजी से भाग रही है. आने वाले सालों में भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लाखों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. विकास और शहर का दायरा और बढ़ेगा, जिससे कीमत में और उछाल आएगा.
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First Time Homebuyers को क्या करना चाहिए
अगर आप पहली बार घर खरीदने जा रहा है यानी First Time Homebuyers हैं तो आपको यह फैसला सोच समझ-कर लेना चाहिए. इस आर्टिकल में आपको 5 महत्वपूर्ण टिप्स के बारे में बताएंगे. अगर इन बातों को ध्यान में रखेंगे तो आप कम कम ब्याज का भुगतान करेंगे. फाइनेंशियल सेहत पर भी ज्यादा असर नहीं होगा और जिंदगी में सुकून होगा.
Interest Rates में 0.5% के अंतर से होता है लाखों का नुकसान
Home Loan 20-25 सालों का होता है. ऐसे में इंटरेस्ट रेट में आधे फीसदी का अंतर भी लाखों रुपए बचा सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर आपने 50 लाख को होम लोन 20 सालों के लिए और इंटरेस्ट रेट 9% है तो आप ब्याज के रूप में कुल 57.97 लाख रुपए का भुगतान करेंगे. अगर इंटरेस्ट रेट 9.5% होता है तो आप ब्याज के रूप में कुल 61.85 लाख रुपए का भुगतान करेंगे. मतलब, केवल आधे फीसदी के अंतर से आपको 20 सालों में 4 लाख रुपए एडिशनल चुकाने पड़ते हैं. इसका मतलब उसी बैंक से लोन लें जहां सबसे कम इंटरेस्ट रेट ऑफर किया जा रहा है. थोड़ा वक्त भी लगता है तो बेस्ट ऑफर को चुनें.
5 साल के लिए Home Loan बढ़ाने पर 18 लाख ब्याज का एडिशनल भुगतान
Home Loan अमूमन 20 सालों का होता है. कई बार पहली बार घर खरीदने वाले जल्दबाजी और आवेश में आकर इस अवधि को बढ़ा देते हैं जिससे EMI घट जाती है. हालांकि, इससे होने वाले नुकसान का मूल्यांकन करना भी जरूरी है. इसे उदाहरण से समझते हैं. अगर 50 लाख का लोन 9% की दर पर 20 सालों के लिए लिया जाता है तो ब्याज का कुल भुगतान 58 लाख रुपए के करीब होगा. अगर इसे 5 साल बढ़ाकर 25 साल कर दिया जाता है तो ब्याज का भुगतान 76 लाख हो जाता है. 20 साल के लोन की EMI करीब 45 हजार रुपए होती है. 25 साल के लोन की EMI करीब 42 हजार रुपए होती है. इसका मतलब केवल 3000 रुपए की मंथली EMI बचाने के चक्कर में आपको 18 लाख रुपए का ब्याज अलग से भरना होता है.
Home Loan की अवधि 5 साल कम रखने पर 17 लाख रुपए की बचत
इसके उलट अगर आपकी फाइनेंशियल कंडीशन ठीक है और आप ज्यादा EMI चुकाने की क्षमता रखते हैं. ऐसे में आपने सेम 50 लाख का लोन 9% की दर से केवल 15 सालों के लिए लिया. इस कंडीशन में आपकी मंथली EMI 50700 रुपए के करीब बनता है. ब्याज का कुल भुगतान 41.28 लाख रुपए होगा. मतलब, 20 सालों की तुलना में आपकी ईएमआई 5700 रुपए ज्यादा बनती है और ब्याज में आपको कुल 17 लाख रुपए का लाभ मिलता है. इस उदाहरण से आपको इतना समझ में आ गया होगा कि ब्याज में आधे फीसदी के अंतर का कितना बड़ा नुकसान होता है. साथ ही 5 साल की अवधि कम करने से भी आप लाखों रुपए बचा सकते हैं.
Down payment ज्यादा करने के फायदे
बैंक 90% तक Home Loan फाइनेंस कर सकते हैं. हालांकि, इसको लेकर कुछ शर्ते हैं. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की यह सलाह होती है कि घर खरीदने की तैयारी कुछ साल पहले शुरू कर देनी चाहिए. अगर आप 2-4 साल पहले से इसकी तैयारी करेंगे तो आपके पास डाउन पेमेंट के लिए अच्छा कॉर्पस बन जाएगा. आप अगर 20-30-40% तक डाउन पेमेंट करेंगे तो लेंडर्स की तरफ से आपको बेस्ट इंटरेस्ट रेट ऑफर किया जाएगा. इंटरेस्ट रेट कम होने का फायदा आपको ऊपर बताया जा चुका है. होम लोन जितना कम होगा, आपके लिए वह उतना फायदेमंद माना जाएगा.
क्या 90% Home Loan मिल सकता है?
घर खरीदने के लिए कितना तक Home Loan मिल सकता है इसको लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक प्रॉपर गाइडलाइन है. RBI Guidelines for Home Loan 2023 के मुताबिक, अगर प्रॉपर्टी की कीमत 30 लाख रुपए तक है तो 90% तक बैंक फाइनेंस कर सकता है. अगर प्रॉपर्टी की कीमत 30-75 लाख के बीच है तो बैंक 80% तक फाइनेंस कर सकते हैं. अगर घर की कीमत 75 लाख से ज्यादा है तो बैंक मैक्सिमम 75% तक ही फाइनेंस कर सकता है.
CIBIL Score हेल्दी रहने के क्या फायदे मिलते हैं
Home Loan लेने के लिए बॉरोवर का सिविल स्कोर हेल्दी होना जरूरी है. अगर आपका सिबिल स्कोर जिसे रीपेमेंट कैपेसिटी 750 से ऊपर है तो बैंक आपको बेस्ट ऑफर देगा. कम स्कोर रहने पर या तो होम लोन नहीं मिलेगा या फिर इंटरेस्ट रेट हाई होगा. CIBIl Score हेल्दी बनाने के लिए जरूरी है कि आप कर्ज लें और उसका समय पर भुगतान करें. मसलन, क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर करें. अगर पर्सनल लोन लिया है तो उसकी EMI का भुगतान समय पर करें. अगर आपने अभी तक क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन नहीं लिया है या फिर कोई EMI नहीं जमा कर रहे हैं तो आपका सिबिल जेनरेट नहीं होगा.
घर खरीदने से पहले इन बातों को जरूर ध्यान में रखें
घर खरीदने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए. यह फैसला आपके फैमिली मेंबर, बजट और जरूरत के हिसाब से करना चाहिए. हाई राइज बिल्डिंग में घर जितना ऊंचा होगा, बिल्डर उतना ज्यादा चार्ज करेगा. पहले फ्लोर के घर की कीमत 10वें फ्लोर के घर की कीमत से कम होगी. उसी बिल्डर से घर खरीदें, जिसका रेपुटेशन अच्छा है. रेडी-टू-मूव घर की कीमत ज्यादा होती है. लेकिन इसमें आपको कुछ महीनों तक ही रेंट का बोझ अलग से उठाना पड़ेगा. अगर बजट कम है तो बन रहे फ्लैट में बुकिंग करें. घर की कीमत तो कम होगी लेकिन आपको लंबी अवधि तक रेंट और Home Loan EMI, दोनों चुकाना होगा. जिस सोसायटी में घर है, वहां मिलने वाली सुविधाओं पर गौर करें. कम्युनिकेशन कैसा है.
आपको कितना Home Loan लेना चाहिए?
अब सबसे महत्वपूर्ण दो सवाल उठता है. पहला ये कि इनकम के हिसाब से आपको कितना महंगा घर लेना चाहिए. दूसरा आपकी Home Loan EMI कितनी होनी चाहिए. फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह होती है कि होम लोन आपकी एनुअल इनकम का मैक्सिमम 6 गुना तक होना चाहिए. बैंक भी कर्ज देते समय इस फैक्टर को ध्यान में रखते हैं. अगर उसकी उम्र 45 साल से ज्यादा है और होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो सालाना ग्रॉस इनकम का अधिकतम 5 गुना तक ही होम लोन मिल पाता है.
मैक्सिमम Home Loan EMI कितनी होनी चाहिए?
बात अगर Home Loan EMI की करें तो फाइनेंशियल एडवाइजर्स की यह सलाह होती है कि यह आपकी मंथली इनकम का अधिकतम 35 फीसदी तक होना चाहिए. मान लीजिए कि आपके अकाउंट में हर महीने 1 लाख रुपए की सैलरी आ रही है. ऐसे में होम लोन EMI अधिकतम 35000 रुपए तक रखना फाइनेंशियल तौर पर हेल्दी माना जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि बैंक भी अधिकतम 80% तक फाइनेंस करता है. अगर आपके आशियाने की कीमत 50 लाख रुपए है तो 40 लाख रुपए तक का होम लोन मिल जाएगा. बाकी के 10 लाख रुपए का प्रबंध आपको खुद से करना होगा.