54 देशों को बेडशीट निर्यात करने वाली Indo Count करेगी मालामाल, 3 महीने में 55% रिटर्न; जानें टारगेट

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Indo Count Share Price Target

Indo Count Share Price Target: बेडशीट बनाने वाली देश की सबसे बड़ी टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरर इंडो काउंट इंडस्ट्रीज के शेयरों में पिछले कुछ समय से शानदार तेजी देखी जा रही है. इस स्टॉक में केवल तीन महीने में 55% का बड़ा उछाल आया है. इस सेक्टर और कंपनी के बिजनेस आउटलुक को देखते हुए ब्रोकरेज ने इस स्टॉक में 12 महीने के लिहाज से खरीदारी की सलाह दी है. यह कंपनी 54 देशों को निर्यात भी करती है और अपने सेगमेंट में देश की सबसे बड़ी निर्यातक भी है. 22 अगस्त को यह शेयर 246 रुपए के स्तर पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान इसने 250 रुपए का 52 वीक का नया हाई बनाया है. आइए निवेश की पूरी स्ट्रैटिजी समझते हैं.

Indo Count Industries क्या बनाती है?

Indo Count Industries की कंपनी वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, कंपनी बेडशीट, फैशन बेडिंग, यूटिलिटी बेडिंग, इंस्टीट्यूशनल बेडिंग बनाती है. Pure Earth, Boutique Living, Atlas, Simply Put, The Pure Collection इसके प्रोडक्ट ब्रांड नेम हैं. कंपनी प्रीमियम बेडिंग प्रोडक्ट्स बनाती है जो अमेरिका के टॉप-10 Big box retailers में 9 जगहों पर उपलब्ध है.

75% रेवेन्यू अमेरिका से आता है

Indo Count Industries की क्षमता हर साल 153 मिलियन मीटर बेडिंग तैयार करने की है. यह 54 देशों को अपने प्रोडक्ट्स का निर्यात करती है. अमेरिका इसका सबसे बड़ा बाजार है. कंपनी का 75% रेवेन्यू अमेरिका से आता है. कंपनी का वहां 20% से अधिक बेडशीट बाजार पर कब्जा है.

Indo Count Share Price History

इंडो काउंट इंडस्ट्रीज के शेयर के प्रदर्शन की बात करें तो एक हफ्ते में करीब 8%, एक महीने में 18%, तीन महीने में 55%, इस साल अब तक 85% का उछाल आया है. एक साल का रिटर्न 73% और तीन साल में शेयर में करीब 230% की तेजी आई है. BSE डेटा के मुताबिक, 28 मार्च 2023 को यह शेयर 101 रुपए के अपने ऑल टाइम लो पर पहुंच गया था. 8 फरवरी 2016 को इसने 1248 रुपए का ऑल टाइम हाई बनाया था.

ब्रोकरेज ने BUY की सलाह क्यों दी?

ब्रोकरेज फर्म ICICI Direct ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय टेक्सटाइल बाजार के सामने कई चुनौतियां थीं. कॉटन की कीमत बढ़ गई थी. US रीटलर्स के पास इन्वेंट्री भी काफी हो गया था जिसके कारण निर्यात पर असर हुआ. FY2023 में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का वॉल्यूम डी-ग्रोथ 32% रहा जबकि Indo Count Industries का डी-ग्रोथ केवल 1% पर लिमिटेड रहा. ग्लोबल रीटेलर्स की इन्वेंट्री घट रही है जिसके कारण टेक्सटाइल इंडस्ट्री में मांग को सपोर्ट मिल रहा है. अमेरिका में भारतीय कॉटन बेडशीट की जबरदस्त डिमांड है. कैलेंडर ईयर 2022 में अमेरिकी कॉटन बेडशीट मार्केट में भारत का मार्केट शेयर केवल 50% रह गया था. इस साल अब तक भारत का मार्केट शेयर 58% पर पहुंच गया है. अभी छह महीने का वक्त बाकी है.

Indo Count Industries Order Book

मांग में आए सुधार से Indo Count Industries को काफी फायदा होगा. कंपनी का ऑर्डर बुक ग्रोथ कर रहा है. FY2024 में कंपनी को 18% वॉल्यूम ग्रोथ की उम्मीद है और वह 88 मिलियन पीस की बिक्री का लक्ष्य लेकर चल रही है. FY25 तक कंपनी 100 मिलियन पीस की बिक्री का उम्मीद कर रही है. ऐसे में FY23-FY25 के बीच वॉल्यूम ग्रोथ 16% CAGR रहने की उम्मीद है. कॉटन की कीमत में स्थिरता आने के कारण कंपनी FY23-FY25 के बीच 19% के EBITDA CAGR की उम्मीद कर रही है.

Balance sheet का क्या हाल है?

इंडो काउंट इंडस्ट्री के बैलेंसशीट की बात करें तो ऑपरेटिंग कैश फ्लो FY2023 के आधार पर 750 करोड़ रुपए रहा. कंपनी ने वर्किंग कैपिटल डेज को FY22 में 175 से घटाकर FY2023 में 130 दिनों पर लाया है. वर्किंग कैपिटल डेज का मतलब एक कंपनी को वर्किंग कैपिटल को कितना दिन उसे रेवेन्यू जेनरेट करने में लगता है. यह जितना कम होगा, उसका ऑपरेटिंग कैशफ्लो उतना बेहतर होगा.

कंपनी पर कर्ज की क्या स्थिति है?

FY2023 में कंपनी ने अपने कर्ज को 460 करोड़ रुपए कम किया. FY2023 के आधार पर कंपनी पर अब कुल कर्ज 589 करोड़ रुपए का रहा. कंपनी को उम्मीद है कि FY24-25 में उसका कैश फ्लो जेनरेशन 560 करोड़ रुपए होगा. इस दो साल के दौरान कंपनी का कैपिटल एक्सपेंडिचर 50-60 करोड़ सालाना रहने की उम्मीद है. ऐसे में हेल्दी कैश फ्लो की मदद से वह कर्ज को और कम कर लेगी. कंपनी को उम्मीद है कि FY25 तक वह 420 करोड़ रुपए और कम कर लेगी.

Indo Count Share Price Target

ब्रोकरेज ने कहा कि सरकार कई देशों के साथ FTA यानी फ्री ट्रेड अग्रीमेंट कर रही है. एक्सपोर्ट इंसेंटिव पॉलिसी में स्थिरता आ रही है. इससे निर्यात करने वाली कंपनियों को काफी फायदा होगा. Indo Count को इसका अच्छा फायदा मिलेगा. इसीलिए ब्रोकरेज ने BUY की रेटिंग दी है और 295 रुपए का टारगेट दिया है. वर्तमान स्तर से यह करीब 25% ज्यादा है.

Indo Count Industries Fundamental Analysis

वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी की नेट सेल्स 3024 करोड़ रुपए थी. EBITDA 467.3 करोड़ रुपए, एडजस्टेट नेट प्रॉफिट 277 करोड़ रुपए, P/E रेशियो 16.8, रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड 16% और RoE यानी रिटर्न ऑन इक्विटी 15.4% रहा. FY19-FY23 के बीच सेल्स CAGR 11.8%, EBITDA CAGR 31.6% और PAT CAGR 46.7% रहा. CAGR का मतलब औसत सालाना होता है. FY22-FY24 के बीच Sales CAGR 14.1%, EBITDA CAGR 18.6% और PAT CAGR 26.5% रहने की उम्मीद है.

इन 5 फैक्टर्स के कारण चमकेगा कंपनी का भविष्य

1>> हाल ही में सरकार ने ऑस्ट्रेलिया और UAE के साथ फ्री ट्रेड अग्रीमेंट किया है. UK, कनाडा, यूरोपियन यूनियन और गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल के साथ FTA प्रोसेस में है. यह भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ी खबर है.

2>> फ्री ट्रेड अग्रीमेंट के कारण भारतीय टेक्सटाइल निर्यातकों को नया बाजार मिलेगा और उन्हे मजबूती मिलेगी.

3>> चीन के Xinjiang प्रांत से कॉटन पर अमेरिका ने बैन लगाया है. इसके कारण इंडियन कॉटन की डिमांड बढ़ेगी.

4>> आत्मनिर्भर भारत, PLI स्कीम, टेक्सटाइल पार्क्स की मदद से भारतीय टेक्सटाइल कंपनियों को फायदा मिल रहा है. टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI 2.0 लाने की तैयारी सरकार कर रही है. इससे टेक्सटाइल इंडस्ट्री में इन्वेस्टमेंट आएगा और आयात पर निर्भरता कम होगी.

5>> भारत दुनिया का सबसे बड़ा कॉटन प्रोड्यूसर है. यहां स्किल्ड लेबर फोर्स बड़ी संख्या में हैं. सेक्टर के लिए यह पॉजिटिव है.

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(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह Money NFO की नहीं है. ब्रोकरेज की रिपोर्ट को आपके सामने विस्तार पूर्वक रखा गया है. निवेश से पहले कंपनी के कामकाज, स्टॉक के प्रदर्शन, बिजनेस आउटलुक, इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के रुख समेत तमाम पहलुओं के बारे में जानकारी देने की कोशिश की गई है. अगर आप किसी स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं तो उससे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)