Mahindra CIE Automotive Share Price Target: अगर आप शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म के निवेशक हैं तो अच्छी क्वॉलिटी के स्टॉक्स में निवेश की सलाह होती है. ब्रोकरेज फर्म SBI सिक्योरिटीज ने 12 महीने के लिहाज से Mahindra CIE Automotive India में निवेश की सलाह दी है. बीते हफ्ते यह शेयर 505 रुपए के स्तर पर बंद हुआ. 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 580 रुपए है जो इसके लिए ऑल टाइम हाई भी है और 19 जुलाई 2023 को कंपनी ने इस स्तर को छुआ था. 52 वीक का न्यूनतम स्तर 240 रुपए है जिसे कंपनी ने 28 सितंबर 2022 को छुआ था. आइए जानते हैं कि बिजनेस आउटलुक क्या है. टारगेट प्राइस क्या दिया गया है और कंपनी का फंडामेंटल कैसा है.
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ऑटोमोटिव कंपोनेंट बनाती है कंपनी
Mahindra CIE Automotive India स्पेन की कंपनी सीआईई ऑटोमेटिव की सब्सिडियरी है. यह ऑटोमोटिव कंपोनेंट बनाती है. इसका मुख्य बाजार भारत और यूरोप है. दिसंबर 2022 में कंपनी के नाम से महिंद्रा का नाम हटाने का फैसला बोर्ड ने लिया था.
इन 5 कारणों से खरीदें Mahindra CIE Automotive Share
1>> ऑटोमोटिव कंपोनेंट की यह लीडिंग प्लेयर है. कंपनी का 52% रेवेन्यू भारत से और 48% रेवेन्यू यूरोप से आता है. इस कंपनी को CIE Group के विशाल अनुभव का लाभ मिलता है.
2>> कंपनी पैसेंजर व्हीकल, यूटिलिटी व्हीकल, ऑफ-रोड व्हीकल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और 2 व्हीलर के लिए ऑटोमोटिव कंपोनेंट बनाती है. कार और यूटिलिटी व्हीकल के लिए कंपनी ऑयल पंपर, इंजन गियर, क्रैंकसाफ्ट जैसे प्रोडक्ट्स बनाती है.
3>> CIE Group के कुल 115 प्रोडक्शन साइट्स हैं. यह 112 अलग-अलग लोकेशन पर स्थित है. ये लोकेशन 16 देशों में हैं. कंपनी 32 देशों को सप्लाई करती है. टोटल सेल्स में 10% योगदान निर्यात का है.
4>> Electric Vehicle आने वाला कल है. यूरोप में ईवी का प्रचलन तेजी से हो रहा है जिसका फायदा कंपनी को मिलता है. इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए कंपनी स्टियरिंग और सस्पेंशन प्रोडक्ट्स बनाती है.
5>> कैलेंडर ईयर 2023 की पहली छमाही यानी जनवरी- जून के बीच कंपनी के सेल्स और प्रॉफिट में सालाना आधार पर 11.3%/66% का ग्रोथ दर्ज किया गया. नेट सेल्स 4760 करोड़ रुपए की रही और प्रॉफिट 580 करोड़ रुपए का रहा. जून 2023 के आधार पर EBITDA मार्जिन 375 बेसिस प्वाइंट्स सुधार के साथ 19.6% रहा.
ब्रोकरेज ने कहा कि इस कंपनी के लिए चैलेंज की बात करें तो कच्चे माल की कीमत में अभी भी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. कॉम्पिटिशन काफी ज्यादा है. रूरल डिमांड में रिकवरी स्लो है. मानसून के कमजोर रहने से रूरल डिमांड यानी 2 व्हीलर की मांग कमजोर रहने की उम्मीद है.
Financial Summary
फाइनेंशियल रिपोर्ट की बात करें तो कैलेंडर ईयर के आधार पर Mahindra CIE Automotive के लिए 2023 में नेट सेल्स 9853 करोड़ रुपए और 2024 में 10887 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है. 2022 में यह 8753 करोड़ रुपए था. EBITDA इस साल 1532 करोड़ रुपए और अगले साल 1750 करोड़ रुपए का अनुमान है. पिछले साल 1270 करोड़ रुपए था. नेट प्रॉफिट इस कैलेंडर ईयर 908 करोड़ रुपए और अगले साल 1075 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है. पिछले साल 711 करोड़ रुपए था. EBITDA मार्जिन इस साल 15.6%, अगले साल 16.1% और 2022 में 14.5% था. रिटर्न ऑन इक्विटी यानी RoE इस साल 16.6 %, अगले साल 17.1% रहने का अनुमान है. पिछले साल 15.3% था. प्राइस टू अर्निंग रेशियो इस साल 21.7 और अगले साल 18.3 रहने का अनुमान है. 2022 में यह 27.7 था. 2021 में तो यह 49.7 था.
SBI Securities ने क्या टारगेट दिया है?
SBI सिक्योरिटीज ने अगले 12 महीने के लिहाज से BUY की सलाह और 600 रुपए का टारगेट दिया है. वर्तमान स्तर से टारगेट प्राइस 12 फीसदी से ज्यादा है.
Axis Securities ने क्या टारगेट दिया है?
ब्रोकरेज फर्म Axis सिक्योरिटीज ने भी पहली तिमाही के रिजल्ट के बाद इस स्टॉक (Mahindra CIE Automotive Shares) को टॉप सेक्टर आइडियाज में ऑटो एंशिलियरी कैटिगरी के लिए चुना है. ब्रोकरेज ने कहा कि EV पर फोकस के कारण इस स्टॉक को टॉप स्टॉक के रूप में चुना है. अपनी रिपोर्ट में ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी का इंडियन बिजनेस आउट परफॉर्म करेगा. OEM यानी ओरिजिनल इक्विपमेंट्स मैन्युफैक्चरर से अच्छी मांग है. कंपनी के मैनेजमेंट का फोकस पैरेंट कंपनी के EBITDA स्टैंडर्ड (18-19%) को मीट करने की है. ब्रोकरेज ने कहा कि यूरोप में पावरट्रेन का इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है. भारत में 2W, 3W की मांग में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है. ब्रोकरेज ने इसके लिए 585 रुपए का लॉन्ग टर्म टारगेट दिया है.
ICICI Direct ने क्या टारगेट दिया है?
ICICI Direct ने भी इस स्टॉक को लॉन्ग टर्म के लिए चुना है और 12 महीने के लिहाज से 625 रुपए का टारगेट (Mahindra CIE Automotive Share Price Target) दिया है. यह करीब 25% ज्यादा है. रिपोर्ट में कहा गया कि कैलेंडर ईयर 2022 में कंपनी के कंसोलिडेटेड रेवेन्यू में यूरोप का योगदान 36% और भारत का योगदान 64% रहा था. कंसोलिडेटेड सेल्स में फोर्जिंग का योगदान 59% रहा था और इसमें 78% योगदान यूरोप का रहा. भारत के रेवेन्यू की बात करें तो पैसेंजर व्हीकल, 2 व्हीकल, ट्रैक्टर, मीडियम एंड हेवी कमर्शियल व्हीकल का सेल्स में योगदान 49%, 23%, 20%, 8% रहा. यूरोप में कंपनी का 75% सेल्स पैसेंजर व्हीकल से आता है.
FII, DII की हिस्सेदारी घटी या बढ़ी?
जून तिमाही के आधार पर कंपनी ((Mahindra CIE Automotive) में प्रमोटर की हिस्सेदार 65.7 फीसदी, FII की हिस्सेदारी 7.5 फीसदी और DII की हिस्सेदारी 14.8 फीसदी रही. मार्च तिमाही में प्रमोटर की हिस्सेदारी 68.9 फीसदी, FII की हिस्सेदारी 8.6 फीसदी और DII की हिस्सेदारी 11.2 फीसदी रही. मतलब डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने हिस्सेदारी बढ़ाई, विदेशी निवेशकों ने तिमाही आधार पर घटाई और प्रमोटर ने भी हिस्सेदारी घटा है.
कंपनी के कौन-कौन कस्टमर हैं?
कंपनी के कस्टमर डीटेल की बात करें तो माहिंद्रा, बजाज, मारुति, टाटा, हीरो, हुंडई, किया, ओला इलेक्ट्रिक, GKN, Nexteer, Stellantis, Brembo जैसे नाम शामिल हैं. भारत में कंपनी फोर्जिंग, एल्युमीनियम स्टाम्पिंग, कास्टिंग, मैग्नेटिक प्रोडक्ट्स, कंपोजिट्स बनाती है.
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(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह Money NFO की नहीं है. ब्रोकरेज की रिपोर्ट को आपके सामने विस्तार पूर्वक रखा गया है. निवेश से पहले कंपनी के कामकाज, स्टॉक के प्रदर्शन, बिजनेस आउटलुक, इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के रुख समेत तमाम पहलुओं के बारे में जानकारी देने की कोशिश की गई है. अगर आप किसी स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं तो उससे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)