रिटायरमेंट के लिए तैयार करना है फंड! जानें PPF और EPF में कहां मिलेगा ज्यादा फायदा

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PPF and EPF

PPF Details: अगर आप जागरूक हैं तो यह जरूरी है कि वर्तमान के साथ में भविष्य की तैयारी भी कर रहे हैं. अमूमन 60 साल की उम्र में लोग रिटायर हो जाते हैं. महंगाई की दर 6-7% के करीब है. इकोनॉमिक ग्रोथ के साथ में लाइफ स्टाइल बेहतर हो रही है और खर्च बढ़ रहे हैं. ऐसे में रिटायरमेंट फंड का पर्याप्त होना काफी जरूरी है. इसलिए तैयारी आज से ही करनी होगी. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अगर कोई रिटायरमेंट के लिहाज से EPF यानी एंप्लॉयी प्रोविडेंड फंड और PPF यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड में किसी एक को चुनना चाहता है तो कहां ज्यादा फायदा मिल रहा है.

EPF और PPF क्या होता है?

Employees’ Provident Fund सैलरीड इंडिविजुअल के लिए एक रिटायरमेंट बेनेफिट प्‍लान है. इस स्‍कीम में कंपनी और कर्मचारी दोनों ही कंट्रीब्‍यूशन करते हैं. कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) इस फंड को मैनेज करता है. दूसरी तरफ Public Provident Fund में निवेश के लिए सैलरीड होना जरूरी नहीं है. इसमें कोई भी इंडिविजुअल एनरोल कर सकता है. पीपीएफ अकाउंट किसी बैंक या पोस्‍ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है.

दोनों पर अभी कितना मिल रहा है ब्याज?

EPF में केवल सैलरीड इंडिविजुअल यानी सैलरी पाने वाले कर्मचारी ही निवेश कर सकते हैं. दूसरी ओर, पीपीफ स्‍कीम में कोई भी व्‍यक्ति निवेश शुरू कर सकता है. EPF पर अभी इंटरेस्ट रेट 8.25% है. वहीं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर अभी 7.1% का ब्याज मिल रहा है. हर तिमाही फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से इसे रिव्यू किया जाता है.

मिनिमम निवेश और लॉक इन पीरियड क्या है?

पीपीएफ में मिनिमम 500 रुपये से अकाउंट खुलवाया जा सकता है. जबकि, ईपीएफ में बेसिक सैलरी का 24 फीसदी कंट्रीब्‍यूशन होता है, जिसमें 12 फीसदी कंपनी और 12 फीसदी कर्मचारी करता है. ईपीएफ से रिटायरमेंट या कंपनी छोड़ने (इस्‍तीफा) पर विद्ड्रॉल कर सकते हैं. जबकि, पीपीएफ में 15 साल का लॉक इन पीरियड होता है. इसे 5-5 साल के ब्‍लॉक में आगे बढ़ाया जा सकता है.

लोन सुविधा, टैक्‍स देनदारी और टैक्‍स छूट किस तरह मिलती है?

पीपीएफ अकाउंट पर 3 साल के बाद लोन ले सकते हैं. वहीं, ईपीएफ अकाउंट पर खास स्थितियों जैसे मेडिकल इमरजेंसी, मकान, चाइल्‍ड एजुकेशन के लिए लोन ले सकते हैं. पीपीएफ में विद्ड्रॉल पर टैक्‍स नहीं लगता है, जबकि ईपीएफ में अगर 5 साल से पहले निकासी करते हैं तो टैक्‍स देना पड़ सकता है. वहीं, इनकम टैक्‍स के सेक्‍शन 80C के अंतर्गत पीपीएफ और ईपीएफ में 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्‍स डिडक्‍शन मिलता है.

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