ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद बाजार में इस समय कंसोलिडेशन का दौर चल रहा है. मार्च लो के बाद जो रैली आई उसमें सेंसेक्स 67600 के पार और निफ्टी 20 हजार के बिल्कुल करीब पहुंच गया था. 17 अगस्त के आधार पर सेंसेक्स 65000 के स्तर पर और निफ्टी 19400 के रेंज में कारोबार कर रहा है. साल 2023 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में अब तक 1.2 लाख करोड़ रुपए डाले हैं. Mutual Funds ने 60000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है.
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Midcap valuations is higher
सवाल ये उठता है कि Mutual Funds आखिर निवेश कहां कर रहे हैं. Motilal Oswal Mutual Fund फ्लेक्सी कैप और मिडकैप फंड को मैनेज करने वाले फंड मैनेजर नीलेश शाह ने कहा कि मिडकैप की वैल्युएशन महंगी हो गई है. पिछले 5-10 सालों के ऐवरेज से यह महंगा दिख रहा है. नियर टर्म के लिए वह बाजार के प्रति सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि बाजार में अभी कुछ समय के लिए कंसोलिडेशन का दौर बने रहने की उम्मीद है. अभी बड़ी रैली की संभावना नहीं है.
Bullish on IT Sector
नीलेश शाह ने कहा कि small-cap companies ने शानदार प्रदर्शन किया है. हालांकि, अभी भी इस सेगमेंट में अपार संभावनाएं हैं. सेक्टर की बात करें तो वह IT Sector को लेकर बुलिश हैं. उनका मानना है कि बॉटम बन गया है.
Underweight on Financials
वहीं, Financial Sector को लेकर वे अंडरवेट हैं. उनका कहना है कि फाइनेंशियल्स में पिछले दो सालों में शानदार तेजी आई है. आने वाले समय में स्लो क्रेडिट ग्रोथ और असेट क्वॉलिटी में गिरावट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
DSP Mutual Fund Munds Strategy
DSP Mutual Fund के इक्विटी हेड विनीत सांबरे ने कहा कि भारती शेयर बाजार फंडामेंटल्स के मुकाबले तेजी से भागा है. ऐसे में फंडामेंटल्स और वैल्युएशन में तालमेल के लिए बाजार में करेक्शन लाजिमी है. बाजार में अभी कंसोलिडेशन का दौर चल रहा है. यह समय करेक्श का है. अगर कोई निवेशक शॉर्ट टर्म में पैसा बनाना चाहता है तो उसे ज्यादा संभलने की जरूरत है. लॉन्ग टर्म के निवेशक जो ऑल टाइम हाई के समय खरीदारी की थी, उन्हें रिटर्न के लिए थोड़ा इंतजार करना चाहिए.
Bullish on Healthcare Sector
एक्सपर्ट ने कहा कि 2 साल के लिहाज से अगर कोई सेक्टर आकर्षक लग रहा है तो उनकी पसंद Healthcare होगा. उन्होंने कहा कि उनका फंड हाउस हाई क्वॉलिटी और अच्छी कंपनियों में निवेशित रहेगा.
Mirae Asset bullish on Banking and Pharma
Mirae Asset Investments के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर नीलेश सुराना ने कहा कि वह बाजार को लेकर ऑप्टिमिस्टिक हैं. हालांकि, क्रूड ऑयल की कीमत में तेजी एक चिंता का विषय है. Banking and Pharma sectors को लेकर वह बुलिश हैं. वहीं, Small Cap Stocks में खासकर कैपिटल गुड्स और डिफेंस को लेकर वह सतर्क रहने को कहा है. इसके लिए उन्होंने कहा कि मिडकैप और स्मॉलकैप में 16-18 फीसदी की तेजी आई है. इस दौरान डिफेंस सेगमेंट में 25 फीसदी और कैपिटल गुड्स सेगमेंट में 30 फीसदी की तेजी आई है. इससे साफ पता चलता है कि वैल्युएशन को लेकर चिंता है.
BUY now if horizon is more than 3 years
नए निवेशकों को लेकर उन्होंने कहा कि अगर आपका नजरिया 3 साल से ज्यादा है तो अभी भी बाजार में खरीदारी की जा सकती है. हालांकि, उन्हें टुकड़ों में अच्छी क्वॉलिटी के स्टॉक्स में खरीदारी करनी चाहिए. जिनका नजरिया उससे कम अवधि का है ऐसे निवेशकों को खास सेक्टर के स्पेसिफिक स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए. वैल्युएशन एक बड़ा कंसर्न है.
Tata Mutual Fund
Tata Mutual Fund के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर राहुल सिंह ने कहा कि इमर्जिंग मार्केट से तुलना करें तो भारतीय बाजार प्रीमियम पर है. निवेशकों को ग्रोथ और वैल्यु के आधार पर खरीदारी करने की सलाह है. जिन स्टॉक्स में ग्रोथ की संभावना है और वैल्युएशन अट्रैक्टिव है, निवेशकों को ऐसे स्टॉक्स में ही निवेश की सलाह है. टाटा म्यूचुअल फंड हाउस किसी सेक्टर को लेकर अग्रेसिव और ओवरवेट नहीं है.
Bullish on Small Cap Stocks for 3-4 years
PGIM India Mutual Fund के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर विनय पहाड़िया ने कहा कि स्मॉलकैप में जिस तरह तेजी आई है उसके बाद नए आइडियाज घट गए हैं. वे फाइनेंशियल, हेल्थकेयर और कंज्यूमर डिस्क्रेंटरी को लेकर बुलिश हैं. IT, इंडस्ट्रियल एंड कमोडिटी को लेकर वे बियरिश हैं. टाटा असेट मैनेजमेंट के सीनियर फंड मैनेज चंद्रप्रकाश पी ने कहा कि वह अगले 3-4 सालों के लिए स्मॉलकैप को लेकर बुलिश हैं. नियर टर्म में करेक्शन को लेकर वे वरीड नहीं हैं. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अट्रैक्टिव लग रहा है. ग्लोबल कमोडिटी स्टॉक्स अट्रैक्टिव नहीं है.
(Disclaimer: Money NFO आपको किसी म्यूचुअल फंड स्कीम/स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं दे रहा है. किसी फंड के बारे में यहां विस्तार से जानकारी शेयर की जा रही है. अगर किसी फंड का नाम बताया गया है तो वह ब्रोकरेज और एक्सपर्ट का सुझाव है. निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)