HDFC Manufacturing Fund Details: एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर आधारित सेक्टोरल फंड को लॉन्च किया है. एचडीएफसी मैन्युफैक्चरिंग फंड का NFO 26 अप्रैल को निवेशकों के लिए खुला और 10 मई तक सब्सक्रिप्शन खुला रहेगा. इस New Fund Offer में निवेशक कम से कम 100 रुपए से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. HDFC Manufacturing Fund एक ओपन एंडेड स्कीम है. लॉन्ग टर्म में कैपिटल एप्रिसिएशन के लिए इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं. कम से कम 3 साल के निवेश का नजरिया रखें.
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HDFC Manufacturing Fund में क्यों करें निवेश?
भारत में मैन्युफैक्चरिंग का तेजी से ग्रोथ हो रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि इकोनॉमी के ग्रोथ में मैन्युफैक्चरिंग का सबसे बड़ा योगदान होगा. FY23 में देश का GDP 3353 बिलियन डॉलर रहा जो 2030 तक 7000 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाने की उम्मीद है. मैन्युफैक्चरिंग GVA 453 बिलियन डॉलर से करीब तीन गुना बढ़कर 1280 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाने की उम्मीद है. एक्सपोर्ट्स डबल होकर 1550 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाने की उम्मीद है. सस्टेनेबल और इनक्लूसिव ग्रोथ में मैन्युफैक्चरिंग का योगदान सबसे ज्यादा रहेगा.
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Manufacturing सेक्टर का आउटलुक जबरदस्त
इमर्जिंग इकोनॉमी के इतिहास पर गौर करें चीन 1990-2005 के बीच 9.8% के हाई रेट से ग्रोथ किया. इस दौरान जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का शेयर 9.1% से बढ़कर 32% पर पहुंच गया. इंडोनेशिया की इकोनॉमी 1983-1996 के बीच 6.3% की दर से ग्रोथ की. इस दौरान मैन्युफैक्चरिंग का GDP में शेयर 13.4% से बढ़कर 24.1% पर पहुंच गया. 2023-2030 के बीच भारत की इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ करने की उम्मीद है. FY23 में GVA यानी ग्रॉस वैल्यु ऐडेड में मैन्युफैक्चरिंग का शेयर 15% है जो 2030 तक 20% पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में इस सेक्टर का आउटलुक काफी दमदार नजर आ रहा है.
Manufacturing Sector में सुधार के क्या उपाय हो रहे हैं?
सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की चुनौतियों और इसके दुष्परिणाम को समझा है और सुधार की दिशा में काम किए जा रहे हैं. लॉजिस्टिक सुधार के लिए नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी लाई गई है. रोड, पावर और रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर-शोर से खर्च किया जा रहा है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर फोकस है. 2030 तक मैन्युफैक्चरिंग का GVA में शेयर 15% से बढ़ाकर 20% पर पहुंचाने का लक्ष्य है. फ्री-ट्रेड अग्रीमेंट को तेजी से एडॉप्ट किया जा रहा है. भारत का कंज्यूमर मार्केट सबसे तेजी से ग्रोथ कर रहा है जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग के स्केल के लिए बड़ा पॉजिटिव फैक्टर है.
HDFC Manufacturing Fund का थिसिस क्या है?
कोरोना के बाद पूरी दुनिया चाइना+ पॉलिसी पर आगे बढ़ रही है. 2018 में US गुड्स इंपोर्ट में चीन का शेयर 21% था जो 2023 में घटकर 13% पर आ गया है. इंडिया, वियतनाम, ताइवान और थाईलैंड जैसे देशों का शेयर बढ़ रहा है. आने वाले समय में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट का ग्रोथ सर्विस सेक्टर के मुकाबले ज्यादा रहेगा. एक्सपोर्ट के आधार पर सेक्टर ग्रोथ की बात करें तो केमिकल्स, फार्मा, इंडस्ट्रियल मशीनरी, इलेक्ट्रिकल्स, ऑटोमोटिव और टेक्सटाइल का ग्रोथ सबसे ज्यादा रहेगा. ऐसे में HDFC Manufacturing Fund निवेश का अच्छा विकल्प देता है.
HDFC Manufacturing Fund के फंड मैनेजर कौन हैं?
HDFC Manufacturing Fund को राकेश सेठिया मैनेज करेंगे जिनका अनुभव 17 सालों का है. हाल ही में इन्होंने फंड हाउस को ज्वाइन किया है. इनका एजुकेश CFA, FRM, MBA, BBM है. इसके अलावा ध्रुव मुंचाल, जिनका अनुभव 10 साल का है, वे ओवरसीज इन्वेस्टमेंट को मैनेज करेंगे. 13 सालों का अनुभव है और अक्टूबर 2019 से HDFC AMC से जुड़े हैं. वर्तमान में ये एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के 45 से अधिक स्कीम्स को मैनेज कर रहे हैं.
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(Disclaimer: इस स्कीम में निवेश की सलाह MoneyNFO की नहीं है. New Fund Offer की डीटेल को आपके सामने विस्तार पूर्वक रखा गया है. अगर आप किसी म्यूचुअल फंड्स/NFO में निवेश करना चाहते हैं तो उससे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)