What is SIP? SIP को क्यों माना जाता है कि निवेश का BEST तरीका? ये हैं 5 बड़े फायदे

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What is SIP

What is SIP and 5 key Benefits: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की चर्चा चारों तरफ हो रही है. चाहे आप शेयर बाजार में डायरेक्ट स्टॉक खरीद रहे हैं या फिर म्यूचुअल फंड में SIP कर रहे हैं. निवेश की चर्चा इसके बिना अधूरी लगती है. कई लोगों के मन में यह दुविधा होती है कि SIP का मतलब सिर्फ म्यूचुअल फंड होता है, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है. एसआईपी निवेश का एक तरीका होता है जो आपको डिसिप्लिन इन्वेस्टर बनाता है. इसमें हर महीने, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर एक निश्चित राशि आपको जमा करना होता है. लंबी अवधि में इस तरह से निवेश करने पर आपको बहुत फायदा मिलता है. SIP के कारण छोटी रकम से भी लाखों का फंड आसानी से तैयार हो जाता है.

SIP Investments Doubled in 5 Years

जुलाई महीने में Mutual Funds का जो डेटा जारी किया गया है उसके मुताबिक, SIP की मदद से कुल 15245 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड निवेश किया गया. वित्त वर्ष 2023-24 में अब तक म्यूचुअल फंड में एसआईपी की मदद से 58456 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है. FY2023 में कुल 155972 करोड़ रुपए, FY22 में 124566 करोड़ रुपए, FY21 में 96080 करोड़ रुपए, FY2020 में 100084 करोड़ रुपए और FY2019 में 92693 करोड़ रुपए का निवेश किया गया था. FY2018 का निवेश 67190 करोड़ रुपए था. जाहिर है पांच सालों के भीतर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान से म्यूचुअल फंड में होने वाला निवेश डबल हो गया. इसका मतलब, लोगों को इसका फायदा मिल रहा है और उन्हें पता चल गया है कि यह कितना पावरफुल है.

Advantages of investing through SIP

SIP के जरिए निवेश करने पर कई तरह के फायदे होते हैं. अगर आपको लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना है तो यह सबसे कारगर तरीका माना जाता है. पूरी दुनिया के फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स एसआईपी करने की सलाह देते हैं. खासकर जब महंगाई 6-7 फीसदी है और डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्युएशन हर साल 3-3.5 फीसदी तक घट रही है. ऐसे में अगर आपके निवेश पर सालाना 8-9 फीसदी तक रिटर्न आता है तब आपका पैसा सुरक्षित है. अगर रिटर्न उससे कम है तो नेट आधार पर आपकी जमा पूंजी की वैल्यु लगातार घट रही है.

Investment Discipline

1>> हर महीने 500, 1000 रुपए की भी SIP की जा सकती है. ऐसे में रीटेल और छोटे निवेशकों को भी निवेश करने का मौका मिलता है. जरूरी नहीं है कि आपके अकाउंट पर लाख-दो लाख हो तभी आप निवेश करें. आप कमाते कितना हैं, उससे ज्यादा जरूरी है कि आपक बचाते कितना हैं. अगर हर महीने अपनी कमाई से कुछ-कुछ बचाते रहेंगे तो आपका वर्तमान के साथ में भविष्य भी सुरक्षित कर रहे हैं.

Rupee Cost Averaging

2>> जब आप SIP की मदद से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आसाना भाषा में आप उस फंड का यूनिट खरीद रहे हैं. इसे NAV (Net Asset Value) कहते हैं. जब यूनिट का भाव गिरेगा तो फिक्स्ड एसआईपी अमाउंट में ज्यादा यूनिट आएंगे. जब बाजार में तेजी के कारण यूनिट का भाव बढ़ेगा तो कम यूनिट खरीदा जाएगा. इस तरह यह Rupee Cost Averaging का काम करता है और आपको बाजार की तेजी और मंदी, दोनों का उचित फायदा मिलता है.

Power of compounding

3>> SIP का सबसे बड़ा फायदा Power of compounding होता है. हर महीने आपको एक निश्चित राशि जमा करना है. आपको जो रिटर्न मिलता है वह दोबारा निवेश हो जाता है. यही वजह है कि लॉन्ग टर्म में आपको कई गुना रिटर्न मिलता है. एसआईपी का कमाल ये है कि आप छोटे अमाउंट को जमा कर लॉन्ग टर्म में आसानी से लखपति बन जाएंगे. 10-15 सालों में आपको मिलने वाला रिटर्न कई गुना बढ़ जाता है.

Diversification

4>> लॉन्ग टर्म पोर्टफोलियो के लिए Diversification जरूरी होता है. SIP की मदद से यह मकसद आसानी से पूरा होता है. अगर आप हर महीने 10 हजार रुपए निवेश करने की क्षमता रखते हैं तो SIP की मदद से 3-4 अलग-अलग म्यूचुअल फंड्स में इस रकम को जमा कर सकते हैं. यह आपको डबल प्रोटेक्शन देता है. म्यूचुअल फंड्स अपने आप में डायवर्सिफाइड होता है. दूसरा, अलग-अलग फंड्स कैटिगरी में SIP करने पर यह अलग से पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करता है. इस तरह आप हेल्दी रिटर्न और सेफ्टी दोनों पा सकते हैं.

Higher returns

5>> SIP की मदद से जब आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो यह फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले कहीं ज्यादा रिटर्न देता है. ऐतिहासिक तौर पर देखा गया है कि SIP लॉन्ग टर्म में 12-15 फीसदी का औसत रिटर्न देता है. यह Fixed Deposits पर मिलने वाले रिटर्न का लगभग दोगुना है.