Cochin Shipyard Share: कोचीन शिपयार्ड एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है जिसे मिनिरत्न का दर्जा मिला हुआ है. यह कंपनी हर तरह के जहाज का कंस्ट्रक्शन, रीपेयर और रीफिट करती है. यह देश की सबसे बड़ी शिप बिल्डिंग कंपनी है. 30 नवंबर को यह शेयर 1170 रुपए के स्तर पर है. इस साल अब तक इस शेयर में 120 फीसदी का उछाल आया है. ब्रोकरेज ने शॉर्ट टर्म निवेशकों के लिए इस PSU Stock को निवेशकों के लिए चुना है. आइए निवेश की पूरी डीटेल (Stocks to BUY) जानते हैं.
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Cochin Shipyard Share Price Target
SBI Securities ने कोचीन शिपयार्ड के शेयर में 3 महीने के लिहाज से खरीद की सलाह दी है. 1124-1146 रुपए के रेंज में खरीदने की सलाह है. टारगेट प्राइस 1248 रुपए का दिया गया है. 30 नवंबर को DAC यानी डिफेंस एक्वीजिशन काउंसिल की बैठक है. माना जा रहा है कि इस कंपनी को भारतीय सेना से एयरक्राफ्ट कैरियर का बड़ा ऑर्डर मिल सकता है. कंपनी के लिए यह पॉजिटिव रोल प्ले करेगा.
अगले 6-12 महीने में कहां तक जा सकता है भाव?
ICICI Direct ने अगले 6-12 महीने के लिहाज से Cochin Shipyard Share के लिए 1340 रुपए का टारगेट दिया है. ब्रोकरेज ने कहा कि ऑर्डर बैकलॉग मजबूत है और एग्जीक्यूशन ने रफ्तार पकड़ी है. आने वाले कई सालों के लिहाज से कंपनी के लि रेवेन्यूज विजिबिलिटी मजबूत है.
Cochin Shipyard का ऑर्डर बुक दमदार
ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सितंबर 2023 के आधार पर कोचीन शिपयार्ड का ऑर्डर बुक 22000 करोड़ रुपए के करीब है. कंपनी का 79% ऑर्डर डिफेंस सेक्टर (Indian Navy) से आता है. 21% रेवेन्यू कमर्शियल वेसल्स से आता है. 13000 करोड़ रुपए का ऑर्डर अभी पाइपलाइन में है. एयरक्राफ्ट कैरियर को लेकर इंडियन नेवी से एक मेगा ऑर्डर मिलने की उम्मीद है.
Cochin Shipyard Share Price History
कोचीन शिपयार्ड का शेयर 1170 रुपए के स्तर पर है. इस स्टॉक ने 8 सितंबर को 1258 रुपए का नया ऑल टाइम हाई बनाया था. 1 महीने में इस शेयर में 23 फीसदी, तीन महीने में 35 फीसदी, छह महीने में 140 फीसदी, इस साल अब तक 120 फीसदी और एक साल में 80 फीसदी का उछाल आया है. 3 साल में इस स्टॉक ने 220 फीसदी का उछाल आया है.
डिफेंस में मेक इन इंडिया का मिल रहा फायदा
ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोचीन शिपयार्ड को भारत सरकार के मेक इन इंडिया पर फोकस का फायदा मिल रहा है. डिफेंस प्रोडक्शन को लेकर सरकार का जोर स्वदेशीकरण पर है. जियो पॉलिटिकल क्राइसिस और कोस्टल एरिया में चीन की बदमाशी के कारण इंडियन नेवी को अपने लिए दूसरे एयरक्राफ्ट कैरियर की सख्त जरूरत है. INS Vikrant जो देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है, इसका निर्माण भी इसी कंपनी ने किया है.
रेवेन्यू डायवर्सिफिकेशन का मिल रहा लाभ
कोचीन शिपयार्ड का 70% रेवेन्यू शिप बिल्डिंग से आता है. रेवेन्यू डायवर्सिफिकेशन के लिए कंपनी अब शिप एंड वेसल्स रीपेयर पर फोकस कर रही है. वर्तमान में कंपनी के पास 800 करोड़ रुपए का शिप रीपेयर ऑर्डर है. मैनेजमेंट का मानना है कि अगले 3 सालों में यह रेवेन्यू 1200 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है.
Cochin Shipyard Share की वैल्युएशन अट्रैक्टिव है
वैल्युएशन की बात करें तो अभी शेयर का भाव FY24/FY25 की कमाई (EPS) के आधार पर 34 और 29 गुना पर ट्रेड कर रहा है. यही इसका P/E मल्टीपल हुआ. कंपनी का ऑर्डर बुक और पाइपलाइन ऑर्डर मजबूत है. एड्रेसेबल मार्केट बड़ा है. यूरोप से कंपनी के निर्यात को भी बल मिल रहा है.
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(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह Money NFO की नहीं है. ब्रोकरेज की रिपोर्ट को आपके सामने विस्तार पूर्वक रखा गया है. निवेश से पहले कंपनी के कामकाज, स्टॉक के प्रदर्शन, बिजनेस आउटलुक, इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के रुख समेत तमाम पहलुओं के बारे में जानकारी देने की कोशिश की गई है. अगर आप किसी स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं तो उससे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)