HDFC Bank Share Outlook: इस समय एचडीएफसी बैंक के शेयर की चर्चा चारों तरफ हो रही है. HDFC लिमिटेड के मर्जर के बाद मैनेजमेंट की तरफ से गाइडेंस जारी किया गया. बाजार को जिस तरह के ग्रोथ और गाइडेंस की उम्मीद थी, उसके मुकाबले यह कमजोर रहा. यही वजह है कि 18-22 सितंबर वाले हफ्ते में लगातार यह गिरावट के साथ बंद हुआ. शेयर में 8 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. यह शेयर घटकर 1530 रुपए (HDFC Bank share price) पर आ गया है. इस गिरावट में मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपए साफ हो गया.
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दुनिया के टॉप-10 बैंकों में शामिल है HDFC Bank
HDFC Bank प्राइवेट सेक्टर का भारत का सबसे बड़ा बैंक है. मर्जर के बाद तो यह दुनिया के टॉप-10 बैंकों में शामिल हो गया है. अब रीटेल निवेशकों को मन में यह सवाल उठ रहा है कि इस बैंक का फ्यूचर कैसा है. क्या इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं. आइए विस्तार से इसके बारे में समझते हैं.
534 Mutual Funds Scheme का पैसा लगा है
HDFC Bank में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी जून तिमाही के आधार पर 33.38 फीसदी है. DII की हिस्सेदारी 26.99 फीसदी है. 534 म्यूचुअल फंड स्कीम का इस बैंक में पैसा लगा हुआ है. इससे यह साफ पता चलता है कि अगर किसी तरह की क्राइसिस बिजनेस आउटलुक को लेकर है तो वह तात्कालिक है. लॉन्ग टर्म में इस बैंक का तोड़ नहीं है.
FY23 के आधार पर बैलेंसशीट 24.66 लाख करोड़ रुपए
FY23 की एनुअल रिपोर्ट के आधार पर बैंक का बैलेंसशीट 24.66 लाख करोड़ रुपए का है. नेट प्रॉफिट 44109 करोड़ रुपए रहा. EPS 79.3 रुपए का रहा. डिपॉजिट्स 18.83 लाख करोड़ रुपए का रहा. एडवांस 16 लाख करोड़ रुपए का है. रिटर्न ऑन इक्विटी 17.4 फीसदी है. कुल ब्रांच 7821 है. 8.28 करोड़ कस्टमर्स हैं. 173222 एंप्लॉयी हैं. कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो 19.3 फीसदी है.
10 सालों का प्रॉफिट ग्रोथ CAGR 21% है
बीते पांच सालों का सेल्स ग्रोथ CAGR 15 फीसदी और 10 सालों का 17 फीसदी है. प्रॉफिट ग्रोथ CAGR पांच सालों का 20 फीसदी और 10 सालों का 21 फीसदी है. पांच सालों का स्टॉक प्राइस CAGR ग्रोथ 10 फीसदी और 10 सालों का 17 फीसदी है. 5 सालों का रिटर्न ऑन इक्विटी ग्रोथ CAGR 17 फीसदी और 10 सालों का ग्रोथ 17 फीसदी है.
गिरावट पर मिल रहा लॉन्ग टर्म के लिए खरीद का मौका
कुल मिलाकर अगर आप लॉन्ग टर्म के निवेशक हैं तो यह गिरावट खरीदने का मौका है. हर गिरावट पर टुकड़ों में खरीदारी करें. यह संभव है कि अगले 2-3 तिमाही में बैंक का प्रदर्शन कमजोर रहे. लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए हर किसी के पोर्टफोलियो में यह स्टॉक जरूर होना चाहिए. यह स्टैबिलिटी के साथ में रिस्क कवर और हेल्दी रिटर्न देने वाला स्टॉक है.
घरेलू ब्रोकरेज हाउस ने HDFC Bank के लिए क्या टारगेट दिया है
मैनेजमेंट की तरफ से गाइडेंस जारी होने के बाद कई ब्रोकरेज ने इस बैंक के लिए टारगेट को रिवाइज किया है. Sharekhan ने BUY की सलाह और 1900 रुपए का टारगेट दिया है. Elara Capital ने एक्युमुलेट की सलाह और 1820 रुपए का टारगेट दिया है. Emkay Global ने 2100 रुपए का टारगेट दिया है. Motilal Oswal ने 2070 रुपए का टारगटे दिया है. Nuvama Wealth ने 1740 रुपए का टारगेट दिया है. जुलाई में Axis Securities ने 2050 रुपए का टारगेट दिया है.
ग्लोबल ब्रोकरेज ने HDFC Bank के लिए क्या टारगेट दिया है
ग्लोबल ब्रोकरेज की बात करें तो Goldman Sachs ने टारगेट प्राइस को 2051 रुपए से घटाकर 2042 रुपए कर दिया है. BUY की रेटिंग बरकरार रखी है. CLSA ने खरीद की सलाह और 2025 रुपए का टारगेट दिया है. UBS ने खरीद की सलाह और 1900 रुपए का टारगेट दिया है. Nomura ने रेटिंग को बाय से घटाकर न्यूट्रल कर दिया और टारगेट घटाकर 1800 रुपए का दिाय है. HSBC ने टारगेट 2010 से घटाकर 1930 रुपए का दिया है. JP Morgan ने ओवरवेट की रेटिंग और टारगटे 2000 रुपए से घटाकर 1900 रुपए का दिया. Jefferies ने बाय की सलाह और टारगेट 2100 से घटाकर 2030 रुपए का दिया है. Macquarie ने आउट परफॉर्म की रेटिंग और 2110 रुपए का टारगेट दिया है. Morgan Stanley ने ओवरवेट की रेटिंग और टारगेट 2110 रुपए का दिया है.
ब्रोकरेज ने क्यों घटाए अपने टारगेट प्राइस?
ब्रोकरेज हाउसेस का कहना है कि HDFC के मर्जर के बाद FY24-26F के बीच EPS में गिरावट आएगी. कॉर्पोरेट लोन बुक के NPA में उछाल आ सकता है. BVPS यानी बुक वैल्यु पर शेयर में कमी आ सकती है. नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर दबाव दिख सकता है. रिटर्न ऑन इक्विटी यानी ROA पर भी दबाव दिख सकता है. ये सारे फैक्टर्स शॉर्टू-टू-मीडियम टर्म में देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में शेयर में और गिरावट को इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन लॉन्ग टर्म के निवेशक हर गिरावट पर खरीदारी करें.
शॉर्ट टर्म में 1500-1550 रुपए का स्तर महत्वपूर्ण
शॉर्ट टर्म में देखें तो टेक्निकल चार्ट के आधार पर 1500-1550 का स्तर महत्वपूर्ण है. मीडियम टर्म में 1300 रुपए के स्तर पर एक हेल्दी सपोर्ट है. संभव है कि आने वाले समय में स्टॉक में और गिरावट आए. ऐसे में अगर आप इस स्टॉक में निवेश करने का फैसला करते हैं तो एकमुश्त निवेश करने की जगह पर गिरावट आने पर टुकड़ों में निवेश करेंगे तो लॉन्ग टर्म में ऐवरेज प्राइस घटेगा और मुनाफा बढ़ेगा.
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(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह Money NFO की नहीं है. ब्रोकरेज की रिपोर्ट को आपके सामने विस्तार पूर्वक रखा गया है. निवेश से पहले कंपनी के कामकाज, स्टॉक के प्रदर्शन, बिजनेस आउटलुक, इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के रुख समेत तमाम पहलुओं के बारे में जानकारी देने की कोशिश की गई है. अगर आप किसी स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं तो उससे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)