Top Small Cap Funds: शेयर बाजार ऑल टाइम हाई पर है. लार्जकैप के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप्स के प्रति निवेशकों का आकर्षण ज्यादा है. शॉर्ट टर्म की बात छोड़ दें तो मीडियम टू लॉन्ग टर्म में भारतीय बाजार का आउटलुक दमदार है. FY24 की पहली तिमाही में कंपनियों की कमाई में सालाना आधार पर 26.5 फीसदी का ग्रोथ दर्ज किया गया. ग्रॉस मार्जिन में 500 बेसिस प्वाइंट्स का सुधार आया. EBITDA मार्जिन 300 बेसिस प्वाइंट्स सुधार के साथ 19 फीसदी रहा. मैनेजमेंट ने ग्रोथ को लेकर पॉजिटिव गाइडेंस दिया है.
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इकोनॉमी का आउटलुक दमदार
इंडियन इकोनॉमी का आउटलुक भी दमदार है. कैपेक्स पर जोर है, GST कलेक्शन रिकॉर्ड हाई पर है, PMI इंडेक्स हेल्दी है, क्रेडिट में तेजी है. सर्विस सेक्टर तेजी से फल-फूल रहा है. शॉर्ट टर्म में मैक्रो इकोनॉमिक कंडीशन पर थोड़ा निगेटिव असर दिख सकता है. इसमें ग्लोबल फैक्टर भी शामिल है.
अगस्त महीने MF के लिए रहा शानदार
अगस्त महीना म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए शानदार रहा. AUM यानी असेट अंडर मैनेजमेंट 47 लाख करोड़ रुपए के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया. इसमें इक्विटी कैटिगरी का AUM 24 लाख करोड़ रुपए रहा. NFO को छोड़कर इक्विटी में कुल 15200 करोड़ रुपए का इन्फ्लो आया. जुलाई में यह आंकड़ा केवल 4600 करोड़ रुपए का था. NFO मिलाकर इक्विटी में 20200 करोड़ रुपए का इन्फ्लो आया जो जुलाई में 7600 करोड़ रुपए था.
स्मॉलकैप फंड्स में आया भर-भर कर निवेश
अगस्त महीने में स्मॉलकैप फंड्स में 4625 करोड़ रुपए का इन्फ्लो दर्ज किया गया जो इक्विटी कैटिगरी में सबसे ज्यादा है. स्मॉलकैप स्कीम्स के फोलियो की संख्या 1 करोड़ 38 लाख 46 हजार 150 है. इस मामले में इसने लार्जकैप फंड्स को पीछे छोड़ दिया. जनवरी से अगस्त के बीच इक्विटी कैटिगरी में करीब 95000 करोड़ रुपए का इन्फ्लो आया इसमें स्मॉलकैप फंड्स में कुल 26300 करोड़ रुपए के करीब इन्फ्लो दर्ज किया गया.
ICICI Direct Top Small Cap Funds
Axis Small Cap Fund
Franklin India Smaller Companies Fund
HDFC Small Cap Fund
ICICI Pru Small Cap Fund
Invesco Small Cap Fund
Nippon Small Cap Fund
स्मॉलकैप फंड्स में कितना निवेश करना चाहिए?
जिस तरह से Small Cap Funds ने रिटर्न दिया है उसे देखते हुए रीटेल निवेशकों के मन में लालच उठना स्वाभाविक है. हालांकि, फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों को सचेत होने की सलाह देते हैं. उनका कहना है कि Mutual Fund Investors को स्मॉलकैप फंड्स में अधिकतम पोर्टफोलियो को 6-8% तक ही निवेश करना चाहिए. इसके अलावा निवेश का नजरिया हमेशा लॉन्ग होना जरूरी है. अगर आप स्मॉलकैप फंड्स में निवेश कर रहे हैं तो कम से कम 5-7 साल के लिए जरूर निवेश करें. इससे आपको दो फायदा मिलेगा. पहला रिस्क घटेगा. दूसरा लॉन्ग टर्म में SIP होने से Power of Compounding का ज्यादा लाभ मिलेगा.
Why Small Cap Funds Investment should be limited?
वैल्यु रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्मॉलकैप फंड्स के लिए कोई साल ब्लॉकबस्टर होता है तो कई साल बेहद खराब रहता है. हिस्टोरिकल परफॉर्मेंस की बात करें तो मोदी सरकार जब साल 2014 में आई थी तब Small Cap Funds का औसत रिटर्न करीब 87 फीसदी था, 2015 में यह 10.32% और 2016 में 5.18% था. 2017 में इस फंड कैटिगरी ने फिर से कमाल किया और करीब 55% का बंपर रिटर्न दिया. उसके बाद अगले दो सालों तक निवेशकों को खूब घाटा हुआ. 2018 का रिटर्न -19% और 2019 का रिटर्न -1.5% के करीब रहा. उसके बाद अगले दो सालों के लिए फिर से निवेशक मालामाल हुआ.
स्मॉलकैप फंड्स का ऐतिहासिक प्रदर्शन कैसा रहा है
2020 में Small Cap Funds ने करीब 31% और 2022 में 63% का रिटर्न दिया. 2022 में फिर से इसने निगेटिव रिटर्न दिया. इस ट्रेंड से साफ पता चलता है कि अग्रेसिव निवेशकों को भी स्मॉलकैप फंड् में एक्सपोजर लिमिटेड रखना चाहिए. अगर यहां गलती की तो संभव है कि आपका रिटर्न कुछ सालों में कई गुना बढ़ जाए, निगेटिव रिटर्न मिल सकता है या फिर नेट आधार पर कोई रिटर्न नहीं मिलेगा.
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(Disclaimer: इस एनएफओ में निवेश की सलाह Money NFO की नहीं है. अगर आप इस न्यू फंड ऑफर में निवेश करना चाहते हैं तो उससे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)