Mutual Fund NFO क्या होता है और इसमें निवेश करना चाहिए कि नहीं? जानें हर सवाल का जवाब

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What is Mutual Fund NFO

Mutual Fund NFO: बीते कुछ महीनों में म्यूचुअल फंड एनएफओ की बहार है. हर महीने दर्जनों न्यू फंड ऑफर आ रहे हैं. अगर आप म्यूचुअल फंड निवेशक हैं तो आपके मन भी यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिरकार यह NFO होता क्या है और इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं. इस आर्टिकल में जानेंगे कि NFO (New Fund Offer) क्या होता है, किन लोगों को इसमें निवेश करना चाहिए, किन लोगों को निवेश नहीं करना चाहिए और अगर निवेश करते हैं तो किन बातों का ध्यान रखें.

Mutual Fund NFO क्या होता है?

म्यूचुअल फंड एनएफओ में निवेश करना चाहिए या नहीं उससे पहले यह जरूरी है कि आखिरकार यह होता क्या है. NFO का मतलब न्यू फंड ऑफर होता है. जब कोई असेट मैनेजमेंट कंपनी नई स्कीम लेकर आती है तो उसका यूनिट निवेशकों को ऑफर किया जाता है. हर यूनिट की वैल्यु 10 रुपए रखी जाती है. एक निश्चित अवधि के लिए NFO खुला होता है और फिर स्कीम क्लोज हो जाती है. एनएफओ IPO नहीं होता है लेकिन इसे आसानी से समझने के लिए आईपीओ की तरह मान सकते हैं.

कितने तरह का होता है Mutual Fund NFO ?

न्यू फंड ऑफर ओपन और क्लोज दो तरह की होती है. क्लोज इंड एनएफओ में निवेशकों का पैसा लॉक हो जाता है. लॉक-इन पीरियड 1 साल, 2 साल, 3 साल, 5 साल कुछ भी हो सकता है. सभी एनएफओ के लिए 1 यूनिट की कीमत 10 रुपए होती है, लेकिन मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट अलग-अलग जैसे 500 रुपए, 1000 रुपए और 5000 रुपए हो सकते हैं. Close-Ended में जो पैसा आप निवेश करते हैं वह लॉक हो जाता है. अगर एनएफओ Open-Ended है तो आप फंड के लॉन्च होने के कुछ समय पैसे को वापस निकाल भी सकते हैं.

जनवरी-जुलाई के बीच कुल 97 NFO लॉन्च

AMFI यानी Association of Mutual Funds in India की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, जुलाई 2023 में कुल 17 NFO लॉन्च किए गए. जून महीने में 11 NFO, मई महीने में 4 NFO और अप्रैल में 9 NFO लॉन्च किए गए. जनवरी से मार्च के बीच कुल 57 NFO लॉन्च किए गए. कुल मिलाकर जनवरी से जुलाई के बीच 98 Mutual Fund NFO लॉन्च किए गए हैं. जाहिर है इतनी अलग-अलग स्कीम्स लॉन्च होने के कारण निवेशकों के मन में कौतूहल होगा ही.

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की सलाह होती है कि निवेशकों को एनएफओ से बचना चाहिए. आनंदराठी वेल्थ के फिरोज अजीज का कहना है कि न्यू फंड ऑफर पीरियड के दौरान निवेश करना वाइज डिसीजन नहीं होता है. किसी भी स्कीम्स के कम से कम 3 साल पूरा होने पर ही निवेश करना चाहिए. कम से कम किसी फंड का 3 साल तक प्रदर्शन ट्रैक करना जरूरी होता है.

एक्सपर्ट बचने की सलाह क्यों देते हैं?

जब कोई म्यूचुअल फंड हाउस एनएफओ लॉन्च करता है तो यह पता नहीं होता कि वह किस स्टॉक में निवेश करेगा. उसका प्रदर्शन कैसा होगा. उस फंड ने बाजार के वोलाटिलिटी में किस तरह प्रदर्शन किया है. ऐसे में पास्ट के परफॉर्मेंस का मूल्यांकन नहीं हो पाता है. एनएफओ में तभी निवेश की सलाह दी जाती है जब आपको यह लगे कि जिस लक्ष्य के लिए आप स्कीम की तलाश कर रहे हैं उसके लिए यह सुटेबल है. अगर आपको बस निवेश करना है तो बेहतर होगा कि पुरानी स्कीम्स में अपने लिए सही फंड की तलाश करें.

किन निवेशकों को NFO में निवेश करना चाहिए?

रुंगटा सिक्योरिटीज के सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर हर्षवर्धन रुंगटा ने कहा कि अगर कोई निवेशक Close-Ended फंड में निवेश के बारे में सोच रहा है तो उसके लिए न्यू फंड ऑफर सही है. अगर न्यू फंड ऑफर किसी खास थीम पर आधारित है और वह थीम आपके फाइनेंशियल लक्ष्य से मिलत-जुलता है तो निवेश कर सकते हैं. Open-Ended स्कीम्स में निवेश करना चाहते हैं तो एनएफओ से बचें साथ ही किसी फंड के प्रदर्शन को देखकर ही निवेश का फैसला लें.

NFO में निवेश से पहले इन 5 बातों को जरूर ध्यान में रखें

एक फाइनेंशियल एक्सपर्ट ने अपने एक वीडियो में बताया कि तमाम पहलुओं को गौर करने के बाद भी अगर कोई निवेशक न्यू फंड ऑफर में निवेश करना चाहता है तो कम से कम इन 5 बातों को जरूर ध्यान में रखे.

5 Important points to consider before investing in NFO

1> सबसे पहले देखें कि कौन असेट मैनेजमेंट कंपनी न्यू फंड ऑफर लेकर आ रही है. उसका AMC का कितना बड़ा पोर्टफोलियो है. कितने सालों का अनुभव है. ब्रांड वैल्यु कैसी है. उसके पुराने फंड्स का प्रदर्शन कैसा रहा है. एक्सपेंस रेशियो कितना है.

2> एनएफओ लॉन्च होने पर उसके फंड मैनेजर की जानकारी दी जाती है. एनएफओ से संबंधिर हर छोटी-बड़ी जानकारी का खुलासा किया जाता है तो AMFI की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है. यह देखना जरूरी है कि फंड मैनेजर का अनुभव कितना है. वह कितने सालों से उस AMC के साथ काम कर रहा है और ओवरऑल अनुभव कितना लंबा है.

3> फंड मैनेजर जिन फंड्स को पहले से मैनेज कर रहा है उसने शॉर्ट-मीडियम-लॉन्ग टर्म में किस तरह का प्रदर्शन दिखाया है. खासकर वोलाटिलिटी के समय उसके द्वारा मैनेज किए जा रहे फंड का प्रदर्शन कैसा रहा है. मार्केट रेप्युटेशन कैसा है. इन बातों का पता करने के दौरान आपको डिसिजन लेने में सुविधा होगी.

4> AMC यानी असेट मैनेजमेंट कंपनी की तरफ से सभी NFO को लेकर इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटिजी बताई जाती है. रिस्क कितना है. लक्ष्य क्या है. थीम क्या है. अगर ये फैक्टर्स आपके निवेश के मकसद को पूरा करते हैं तो न्यू फंड ऑफर में निवेश कर सकते हैं.

5> NFO में जो आप पैसा लगा रहे हैं वह किन जगहों पर निवेश किया जाएगा, वहां रिस्क कितना है इसे भी पता करना जरूरी है. आपका रिस्क एपेटाइट कितना है उस आधार पर यह फैसला लें.

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(Disclaimer: Money NFO आपको किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश की सलाह नहीं दे रहा है. किसी फंड के बारे में यहां विस्तार से जानकारी शेयर की जा रही है. अगर किसी फंड का नाम बताया गया है तो वह ब्रोकरेज और एक्सपर्ट का सुझाव है. निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)