HDFC Pharma and Healthcare Fund NFO: एचडीएफसी म्यूचु्अल फंड ने इक्विटी कैटिगरी में सेक्टोरल फंड को लॉन्च किया है. स्कीम का नाम एचडीएफसी फार्मा एंड हेल्थकेयर फंड है. यह NFO (New Fund Offer) सब्सक्रिप्शन के लिए 14 सितंबर को खुला और 28 सितंबर तक इसमें निवेश किया जा सकता है. यह एक ओपन-इंडेड स्कीम है. मिनिमम 100 रुपए का निवेश किया जा सकता है.
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कम से कम 3 साल के लिए निवेश की सलाह
HDFC Pharma and Healthcare Fund NFO का पैसा केवल फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर के स्टॉक्स में लगाया जाएगा. यह एक हाई रिस्क वाला फंड है जिसमें कम से कम 3 साल के लिए निवेश की सलाह है. जो निवेशक लॉन्ग टर्म में कैपिटल एप्रीसिएशन चाहते हैं, उनके लिए यह स्कीम सुटेबल मानी जा रही है. यूनिट का साइज 10 रुपए का है. कम से कम 100 रुपए यानी 10 यूनिट खरीदना होगा. इसके लिए बेंचमार्क इंडेक्स S&P BSE Healthcare Index होगा.
S&P BSE Healthcare Index ऑल टाइम हाई पर है
S&P BSE Healthcare Index इस समय ऑल टाइम हाई पर है. इस इंडेक्स ने तीन महीने में करीब 14 फीसदी, छह महीने में 32 फीसदी और एक साल में 26 फीसदी का रिटर्न दिया है. तीन का रिटर्न करीब 40 फीसदी और पांच साल का रिटर्न 78 फीसदी है. यह इंडेक्स 30 शेयरों का है. इंडेक्स का P/E मल्टीपल 40, प्राइस टू बुक मल्टीपल 4.55 है. बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स का P/E मल्टीबल 25 और प्राइस टू बुक वैल्यु 3.7 है.
HDFC Pharma and Healthcare Fund NFO कितना रिस्की है?
एचडीएफसी फार्मा एंड सेक्टोरल फंड एनएफओ में 80 फीसदी निवेश फार्मा एंड हेल्थकेयर के इक्विटी रिलेटेड असेट्स में किया जाएगा. ऐसे में अगर इस सेक्टर में किसी तरह का खतरा आता है तो फंड के प्रदर्शन पर सीधा असर होगा.
HDFC Pharma and Healthcare Fund NFO में क्यों करें निवेश?
फार्मा एंड हेल्थकेयर थीम का आउटलुक जबरदस्त है. FY12 से FY22 के बीच डोमेस्टिक फार्मा सेक्टर का औसत ग्रोथ (CAGR) 11 फीसदी रहा. अगले पांच सालों तक यह इसी रेट से ग्रोथ का अनुमान है. ग्रोथ तीन स्तरों पर है. वॉल्यूम, प्राइसिंग और न्यू प्रोडक्ट लॉन्च, तीनों सेगमेंट में जबरदस्त ग्रोथ की उम्मीद है. भारत में हेल्थकेयर स्पेंड बहुत कम है. अब इसमें सुधार आ रहा है जिसका फायदा इस फंड को मिलेगा. क्रोनिक बीमारी और बुजुर्गों की संख्या में तेजी के कारण लॉन्ग टर्म में हेल्थकेयर स्पेंडिंग बढ़ने की उम्मीद है.
हॉस्पिटल और मेडिकल इंश्योरेंस क्लेम बढ़ रहा है
हॉस्पिटल सेगमेंट का ग्रोथ 10-12 फीसदी का है और टोटल मार्केट FY23 के आधार पर 5.6 लाख करोड़ रुपए का है. डॉयग्नास्टिक इंडस्ट्री का ग्रोथ 12 फीसदी की दर से है. हेल्थकेयर सेगमेंट को प्राइवेट हेल्थकेयर इंश्योरेंस से लगातार फायदा मिल रहा है. भारत में अभी 21.4 करोड़ लोग मेडिकल इंश्योर्ड हैं. FY17 के मुकाबले यह दोगुना है. FY16-21 के बीच टोट वैल्यु क्लेम्स 16% की औसत दर से बढ़ा.
HDFC Pharma and Healthcare Fund के फंड मैनेजर
1>>इस फंड को निखिल माथुर मैनेज करेंगे जिनकी उम्र 35 साल और इक्विटी रिसर्च में 7 साल का अनुभव और 2 साल का अनुभव फाइनेंशियल एडवाइजर के तौर पर है. वे अपने करियर का पहला फंड मैनेज कर रहे हैं. पहले फंड मैनेज का कोई अनुभव नहीं है.
2>> ध्रुव मुंचाल भी इस फंड को मैनेज कर रहे हैं. इनका भी कुल 10 साल का अनुभव है. 2014 से HDFC असेट मैनेजमेंट कंपनी से जुड़े हैं. उसे पहले 1 साल के लिए मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज और उससे पहले गोल्डमैन सैशन में रिसर्च ऐनालिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं. वर्तमान में HDFC के 16 म्यूचुअल फंड स्कीम्स को मैनेज कर रहे हैं.
अगस्त में 14 Mutual Funds NFO लॉन्च किए गए
अगस्त महीने में कुल 14 Mutual Funds NFO लॉन्च किए गए. डेट स्कीम्स में 7 NFO, हायब्रिड स्कीम्स कैटिगरी में 1 एनएफओ, 3 इंडेक्स फंड्स और 3 ETF का एनएफओ लॉन्च किया गया. बीते महीने न्यू फंड ऑफर में कुल 7343 करोड़ रुपए का निवेश किया गया जो जुलाई के महीने में 6723 करोड़ रुपए था.
किन निवेशकों को NFO में निवेश करना चाहिए?
रुंगटा सिक्योरिटीज के सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर हर्षवर्धन रुंगटा ने कहा कि अगर कोई निवेशक Close-Ended फंड में निवेश के बारे में सोच रहा है तो उसके लिए न्यू फंड ऑफर सही है. अगर न्यू फंड ऑफर किसी खास थीम पर आधारित है और वह थीम आपके फाइनेंशियल लक्ष्य से मिलत-जुलता है तो निवेश कर सकते हैं. Open-Ended स्कीम्स में निवेश करना चाहते हैं तो एनएफओ से बचें साथ ही किसी फंड के प्रदर्शन को देखकर ही निवेश का फैसला लें.
NFO में निवेश से पहले इन 5 बातों को जरूर ध्यान में रखें
एक फाइनेंशियल एक्सपर्ट ने अपने एक वीडियो में बताया कि तमाम पहलुओं को गौर करने के बाद भी अगर कोई निवेशक न्यू फंड ऑफर में निवेश करना चाहता है तो कम से कम इन 5 बातों को जरूर ध्यान में रखे.
5 Important points to consider before investing in NFO
1> सबसे पहले देखें कि कौन असेट मैनेजमेंट कंपनी न्यू फंड ऑफर लेकर आ रही है. उसका AMC का कितना बड़ा पोर्टफोलियो है. कितने सालों का अनुभव है. ब्रांड वैल्यु कैसी है. उसके पुराने फंड्स का प्रदर्शन कैसा रहा है. एक्सपेंस रेशियो कितना है.
2> एनएफओ लॉन्च होने पर उसके फंड मैनेजर की जानकारी दी जाती है. एनएफओ से संबंधिर हर छोटी-बड़ी जानकारी का खुलासा किया जाता है तो AMFI की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है. यह देखना जरूरी है कि फंड मैनेजर का अनुभव कितना है. वह कितने सालों से उस AMC के साथ काम कर रहा है और ओवरऑल अनुभव कितना लंबा है.
3> फंड मैनेजर जिन फंड्स को पहले से मैनेज कर रहा है उसने शॉर्ट-मीडियम-लॉन्ग टर्म में किस तरह का प्रदर्शन दिखाया है. खासकर वोलाटिलिटी के समय उसके द्वारा मैनेज किए जा रहे फंड का प्रदर्शन कैसा रहा है. मार्केट रेप्युटेशन कैसा है. इन बातों का पता करने के दौरान आपको डिसिजन लेने में सुविधा होगी.
4> AMC यानी असेट मैनेजमेंट कंपनी की तरफ से सभी NFO को लेकर इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटिजी बताई जाती है. रिस्क कितना है. लक्ष्य क्या है. थीम क्या है. अगर ये फैक्टर्स आपके निवेश के मकसद को पूरा करते हैं तो न्यू फंड ऑफर में निवेश कर सकते हैं.
5> NFO में जो आप पैसा लगा रहे हैं वह किन जगहों पर निवेश किया जाएगा, वहां रिस्क कितना है इसे भी पता करना जरूरी है. आपका रिस्क एपेटाइट कितना है उस आधार पर यह फैसला लें.
म्यूचुअल फंड AUM 46.63 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया
अगस्त महीने में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का नेट असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 46.63 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया. जुलाई में यह 46.37 लाख करोड़ रुपए था. ऐवरेज नेट असेट अंडर मैनेजमेंट 46.93 लाख करोड़ रुपए रहा जो जुलाई में 46.27 लाख करोड़ रुपए था.
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(Disclaimer: इस एनएफओ में निवेश की सलाह Money NFO की नहीं है. अगर आप इस न्यू फंड ऑफर में निवेश करना चाहते हैं तो उससे पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें.)