Home Loan Prepayment करें या फिर उस पैसे से करें SIP? जानें कहां होगा ज्यादा फायदा

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Home Loan Prepayment Benefits

Home Loan Prepayment: आमतौर पर मिडिल क्लास लोगों के लिए अगर कोई सबसे बड़ा लोन होता है तो वह Home Loan ही होता है.घर खरीदना फाइनेंशियल डिसिजन के साथ में एक इमोशनल डिसिजन भी होता है. कई बार इमोशनल फैक्टर हावी हो जाने के कारण Home Loan का बोझ इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि बॉरोवर्स के लिए उसे मैनेज करना कठिन हो जाता है. 2-3 साल पहले होम लोन का रेट 7% के करीब था, वह अब बढ़कर 9.5% के करीब पहुंच गया है. नतीजन EMI का बोझ बढ़ा है या फिर होम लोन की अवधि कई सालों के लिए बढ़ गई है.

जानें कब घटेगी Home Loan EMI

ऐसे में Home Loan बॉरोवर्स की टेंशन काफी बढ़ गई है. आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी CEO फिरोज अजीज का कहना है कि बॉरोअर्स को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन कुछ बातों को समझने की जरूरत जरूर है. Home Loan EMI में बढ़ोतरी रेपो रेट में 2.5% की बढ़ोतरी के कारण हुई है. पूरी दुनिया इस समय महंगाई से जूझ रही है. फिलहाल तो नहीं, लेकिन कुछ महीनों बाद 2024 में संभवत: रिजर्व बैंक रेपो रेट घटाना शुरू करेगा.

रेपो रेट घटने से खुद घटेगी EMI

जब रिजर्व बैंक इंटरेस्ट रेट घटाएगा तो Home Loan EMI भी कम होने लगेगी. उन्होंने कहा कि होम लोन 20 सालों का होता है. ऐसे में अगर इंटरेस्ट रेट में आधे फीसदी का भी अंतर आता है तो नेट आधार पर उसका असर गंभीर हो जाता है. ऐसे में Home Loan Prepayment की चर्चा अहम हो जाती है.

Home Loan Prepayment करें या करें SIP?

यहां महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि अगर आपकी Home Loan EMI जा रही है और आपकी कमाई बढ़ती है तो ऐसे में एडिशनल पैसे से क्या करना चाहिए? क्या होम लोन बॉरोअर्स को Home Loan EMI बढ़ा देनी चाहिए या फिर एडिशनल पैसे को कहीं और निवेश करना फायदेमंद होता है? फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आपको कहीं से एकमुश्त पैसे आ रहे हैं तो Home Loan का प्रीपेमेंट किया जा सकता है. अगर आपकी मंथली इनकम में बढ़ोतरी हुई है तो स्मार्ट इन्वेस्टर उस पैसे से अच्छी स्कीम्स में SIP कर सकता है.

कब करें Home Loan Prepayment?

फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आपको कहीं से एकमुश्त पैसा मिल रहा है तो उस पैसे से Home Loan Prepayment कर सकते हैं. वर्तमान सिचुएशन की बात करें तो होम लोन पर इंटरेस्ट रेट पिछले दो सालों में करीब 2.5% तक बढ़ गया है. नतीजन होम लोन की अवधि लगभग दोगुनी हो गई है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि 1-2 सालों में फिर से इंटरेस्ट रेट घटेगा. इंटरेस्ट रेट का साइकिल इसी तरह चलता है. अगर आपकी मंथली इनकम बढ़ गई है तो होम लोन की EMI बढ़ाई जा सकती है. इससे आपके लोन की अवधि घट जाएगी और आप लाखों रुपए बचा सकते हैं.

Home Loan EMI बढ़ाने पर कितना लाभ मिलता है?

मान लीजिए कि आपको होम लोन 50 लाख रुपए का है. इंटरेस्ट रेट 9.5% है और होम लोन की अवधि 20 सालों की है. ऐसे में हर महीने की EMI करीब 46600 रुपए की होगी. 20 सालों के दौरान ब्याज का कुल भुगतान 61.85 लाख रुपए के करीब होता है. आपकी इनकम थोड़ी बढ़ जाती है. अगर आप EMI अमाउंट को चार हजार बढ़ाकर 50750 रुपए के करीब कर देते हैं तो लोन की अवधि घटकर 16 साल रह जाएगी. 16 सालों के दौरान ब्याज का कुल भुगतान केवल 47.5 लाख रुपए का होगा. मतलब, करीब 14 लाख रुपए कम ब्याज के रूप में चुकाने होंगे.

Home Loan Prepayment की जगह कब करें SIP?

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि होम लोन का इंटरेस्ट रेट फिक्स्ड ही माना जाता है. 1-2 सालों बाद यह आधे-एक फीसदी के दायरे में कम-ज्यादा होगा. वहीं, लॉन्ग टर्म में इक्विटी का रिटर्न कई गुना हो जाता है. ऐसे में अगर सही जगह SIP की जाती है तो आपको मिलने वाला लाभ कुई गुना होगा. इसे ऊपर के उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं. 50 लाख का Home Loan और इंटरेस्ट रेट 9.5% है. अगर होम लोन की अवधि 20 साल रखी जाती है तो हर महीने की EMI 46600 रुपए होगी. अगर EMI 4000 रुपए मंथली बढ़ा दी जाती है तो यह होम लोन की अवधि घटकर 16 साल रह जाती है और कुल 14 लाख रुपए कम ब्याज देना होता है.

SIP करने पर कितना मिलता है लाभ?

मान लीजिए कि आप एक स्मार्ट इन्वेस्टर्स हैं और किसी इक्विटी फंड में लॉन्ग टर्म के लिए 4000 रुपए की SIP शुरू करते हैं. मतलब, Home Loan Prepayment की जगह आपने एडिशनल पैसे से SIP करने का फैसला किया. अगर आपको सालाना 12% का रिटर्न मिल रहा है तो 20 साल बाद आपका टोटल फंड 40 लाख रुपए का होगा. अगर रिटर्न 13% सालाना है तो 46 लाख और 14% का सालाना रिटर्न मिलने पर केवल 4000 रुपए की मंथली SIP से आप 53 लाख का फंड तैयार कर सकते हैं. ऐसे में यह आपके लिए ज्यादा फायदेमंद रास्त होता है.

मैक्सिमम Home Loan EMI कितनी होनी चाहिए?

बात अगर Home Loan EMI की करें तो फाइनेंशियल एडवाइजर्स की यह सलाह होती है कि यह आपकी मंथली इनकम का अधिकतम 35 फीसदी तक होना चाहिए. मान लीजिए कि आपके अकाउंट में हर महीने 1 लाख रुपए की सैलरी आ रही है. ऐसे में होम लोन EMI अधिकतम 35000 रुपए तक रखना फाइनेंशियल तौर पर हेल्दी माना जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि बैंक भी अधिकतम 80% तक फाइनेंस करता है. अगर आपके आशियाने की कीमत 50 लाख रुपए है तो 40 लाख रुपए तक का होम लोन मिल जाएगा. बाकी के 10 लाख रुपए का प्रबंध आपको खुद से करना होगा.

आपको कितना Home Loan लेना चाहिए?

अब सबसे महत्वपूर्ण दो सवाल उठता है. पहला ये कि इनकम के हिसाब से आपको कितना महंगा घर लेना चाहिए. दूसरा आपकी Home Loan EMI कितनी होनी चाहिए. फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह होती है कि होम लोन आपकी एनुअल इनकम का मैक्सिमम 6 गुना तक होना चाहिए. बैंक भी कर्ज देते समय इस फैक्टर को ध्यान में रखते हैं. अगर उसकी उम्र 45 साल से ज्यादा है और होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो सालाना ग्रॉस इनकम का अधिकतम 5 गुना तक ही होम लोन मिल पाता है.

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