Sovereign Gold Bond: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के नए ट्रांच को लॉन्च किया है. 11 सितंबर को यह निवेशकों के लिए खुला और 15 सितंबर तक इसमें निवेश किया जा सकता है. इश्यू प्राइस 5923 रुपए प्रति ग्राम तय किया गया है. अगर कोई निवेशक ऑनलाइन खरीदता है तो उसे SGB पर 50 रुपए की एडिशनल छूट मिलेगी और उसके लिए कीमत 5873 रुपए प्रति ग्राम होगी.
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कहां से खरीद सकते हैं SGB?
यह वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लिए Sovereign Gold Bond की दूसरी सिरीज है. निवेशक इसे बैंक्स, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन, निर्धारित पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सजेंज जैसे BSE, NSE से खरीद सकते हैं. IBJA यानी इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक 11 सितंबर को 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 5920 रुपए प्रति ग्राम थी. इसमें 3% का GST और मेकिंग चार्ज शामिल नहीं है.
Sovereign Gold Bond में क्यों करना चाहिए निवेश?
गोल्ड में निवेश के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बेस्ट स्कीम मानी जाती है. इसमें निवेशक को हर साल 2.5% का इंटरेस्ट मिलता है और इसकी मैच्योरिटी 8 सालों की होती है. 8 सालों में कुल निवेश का 20% ब्याज के रूप में मिलता है. ब्याज की राशि पर टैक्स लगता है, लेकिन आठ साल पूरा होने के बाद कैपिटल गेन पूरी तरह टैक्स फ्री होता है. उदाहरण से समझें तो अगर किसी निवेशक ने अगर 10 ग्राम गोल्ड ऑनलाइन खरीदा तो उसे कुल 58730 रुपए खर्च करने होंगे. आठ साल बाद अगर सोने की कीमत 70 हजार रुपए प्रति दस ग्राम होगी तो 11270 रुपए का कैपिटल गेन पूरी तरह टैक्स फ्री होगा.
मिनिमम 1 ग्राम भी निवेश किया जा सकता है
SGB में मिनिमम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम तक निवेश किया जा सकता है. यह लिमिट इंडिविजुअल और HUF यानी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के लिए है. ट्रस्ट के लिए यह लिमिट 20 किलोग्राम है. ऐसे में अगर कोई रीटेल निवेशक 1 यूनिट भी खरीदना चाहता है तो वह 5873 रुपए खर्च कर खरीद सकता है.
Sovereign Gold Bond बेचने पर Tax कैलकुलेशन
अगर कोई निवेशक सॉवगेन गोल्ड बॉन्ड को सेंकेडरी बाजार में बेचता है तो टैक्स को लेकर 3 साल का वक्त महत्वपूर्ण हो जाता है. 3 साल बाद बेचने पर इंडेक्सेशन का बेनिफिट मिलेगा और कैपिटल गेन पर 20% का टैक्स लगेगा. अगर तीन साल से पहले बेचता है तो मार्जिनल टैक्स रेट लगेगा.
Sovereign Gold Bond में निवेश करने के 5 फायदे
- यह गोल्ड में निवेश करने का सबसे आसान तरीका. चोरी का डर नहीं है और ना ही सुरक्षित रखने के लिए लॉकर चाहिए.
- गोल्ड में निवेश करना महंगाई के खिलाफ हेजिंग करना होता है. हर साल 2.5% का ब्याज मिलेगा जो आठ सालों की अवधि में नेट आधार पर 20% होगा.
- .हेजिंग के साथ में यह इन्वेस्टमेंट भी है. लॉन्ग टर्म में गोल्ड बॉन्ड XIRR return करीब 13% का देता है. इसे औसत रिटर्न भी मान सकते हैं. कैपिटल गेन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है.
- रिजर्व बैंक की तरफ से बॉन्ड जारी किया जाता है. ऐसे में बॉन्ड की क्रेडिबिलिटी मैक्सिमम है और डिफॉल्ट का डर नहीं है.
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के बदले लोन आसानी से मिल जाएगा. यह कोलैट्रल की तरह काम करता है.
SGB देता है 60% का एडिशनल औसत रिटर्न
ICICI Direct ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया कि कैसे सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए अगर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, Gold ETF और फिजिकल गोल्ड में निवेश की तुलना की जाती है तो ऐवरेज रिटर्न के आधार पर SGB फिजिकल गोल्ड के मुकाबले 45% ज्यादा और गोल्ड ETF के औसत रिटर्न के मुकाबले 60% ज्यादा रिटर्न देता है. गोल्ड बॉन्ड का औसत रिटर्न 9.9 फीसदी है. यह फिजिकल गोल्ड के 6.8 फीसदी के औसत से 45 फीसदी ज्यादा और गोल्ड ईटीएफ के 6.1 फीसदी रिटर्न के मुकाबले 60 फीसदी ज्यादा है.
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